Rakshabandhan Ka Tohfa | रक्षाबंधन का तोफा

Rakshabandhan Ka Tohfa | रक्षाबंधन का तोफा 



 रक्षाबंधन का तोफा 

एक छोटे से शहर में

एक बहुत ही खुशहाल परिवार हुआ करता था जिस्मे मम्मी पापा या लड़का रोहन या उसकी छोटी बहन प्रिया रहा करते थे

रोहन के पास एक साइकिल थी

जिस पर डोनो भाई बहन बेठकर स्कूल जाते थे पर प्रिया का भी बहुत मन करता था साइकिल चलने का पर रोहन छोटी होने के कारण यूसे साइकिल नहीं चलने देता था

एक दिन वो दोनो स्कूल से जा रहे तभी स्कूल के रास्ते में

एक साइकिल की दुकान आई

जिसमे बहुत अच्छी अच्छी साइकिल थी उनको देखा प्रिया बहुत ही खुश हो गई

वो सोचने लगी कि मैं भी साइकिल चला रही हूं

पर अचानक वो उदास हो गई फीर स्कूल से घर आने के बाद वो अपने कमरे में चली गई

फिर कुछ दिन बीतने के बाद

रक्षाबंधन का त्‍यो¬¬¬¬हर आया

परिवार में सबके अच्छे अच्छे कपड़े पहेने या रक्षाबंधन की तैयारी की

फीर रोहन के पिता ने उसकी मम्मी को चुपके से प्रिया की नई ड्रेस दिखाई

या कहा कि अब की बार हम रोहन की तरफ से प्रिया को ये सुंदर सी ड्रेस रक्षाबंधन के तोहफे में देंगे देखो न रोहन की मम्मी कितनी सुंदर ड्रेस है ये

हा रोहन के पापा ये तो बहुत ही सुंदर है इसे पहचानकर हमारी प्रिया एक दम परी जैसी लगेगी

हैं रोहन की मम्मी हमारी प्रिया केसे भी कपड़े पहने हमारे लिए तो परी ही रहेगी हमारी गुड़िया रानी

ये सब चुपके से प्रिया ने देखा उसका मन फीर से उदास हो गया और मन में सोचा की इस साल फीर से ड्रेस।

थोड़ी देर बाद प्रिया ने रोहन को राखी बांधी

फिर उसके पापा प्रिया को बोले लो प्रिया बेटा तुम्हारा गिफ्ट

तब रोहन ने एक दम कहा नहीं पापा आप नहीं इस बार मैं खुद प्रिया को गिफ्ट दूंगा। आप रुकिए ये सुनकर प्रिया एक दम से खुश हो गई फीर रोहन ने कमरे से एक गिफ्ट बॉक्स लेकर

प्रिया को दीया

प्रिया ने बॉक्स को खोला

उसमे एक गुड़िया निकली या एक अक्षर निकला

ये सब देख रहे रोहन के पापा बोले कि रोहन तुम्हें तो पता है कि प्रिया के पास कितनी साड़ी डॉल्स है फिर भी तुम प्रिया के लिए डॉल कियू लाए बेटा।फीर रोहन ने प्रिया से बोला की प्रिया लेटर को पढ़ो

जब प्रिया ने लेटर को पड़ा तो उसमें लिखा

था की बहार का दरवाजा खोलो

ये पढ़कर सब ने सोचा क्या होगा दरवाजा खोलने पर

फर प्रिया ने दरवाजा खोला या सामने देखा की जो साइकिल स्कूल जाते समय उसको अच्छी लगी थी वे सामने गार्डन में खङी थी

तब रोहन ने कहा प्रिया ये लो तुम्हारा रक्षाबंधन का तोहफा तुम्हारी पसंद की साइकिल।

प्रिया साइकिल देख बहुत खुश हुई फिर प्रिया अचानक बोली भैया लेकिन आपको केसे  पता की ये साइकिल मुझे पसंद है रोहन ने बोला हम जब स्कूल मिले तब तुम हर रोज इसी साइकिल को देखती थी या फिर एक दम उदास हो जाति थी मेने ये सब देख लिया था कि तुमको साइकिल चलाने का मन करता है पर छोटी होने के कारण मैं तुमको साइकिल नहीं चलाने देता इसी में जब तुमको उदासी देखा मैंने तभी सोच लिया था कि तुमको रक्षाबंधन पर यही साइकिल गिफ्ट दूंगा

तबी रोहन के पापा रोहन से बोले कि रोहन तुम्हारे पास इतने सारे पैसे आए कहा से रोहन बोला वो पापा मम्मी आप जो मुझे स्कूल जाने के लिए पेसे दिए करते थे उसमे से मेने कुछ पेसे बचाए वही इकठे करके मेने प्रिया के लिए साइकिल खरीदी

प्रिया चौक गई या बोली भैया लेकिन वो तो आपने अपना बर्थडे पार्टी के लिए जमा किए थे रोहन बोला कोई बात नहीं प्रिया में पार्टी अगले साल लूंगा या साइकिल आने से जो तुम्हारे को खुशी मिली है वही मेरी पार्टी है मेरी बहन की खुशी से बढ़ कर मेरे लिए दुनिया में कुछ भी नहीं।

प्रिया की आंखों में मैं आंसू आ गए या वो रोहन से गले लग गई ये देख रोहन के मम्मी पापा की आंखों में भी आंसू आ गए। हैप्पी रक्षाबंधन मेरी प्यारी बहन।



Rakshabandhan Ka Tohfa

in a small town

There used to be a very happy family with parents or a boy Rohan or his younger sister Priya.

rohan had a bicycle

On which both brothers and sisters used to go to school sitting, but Priya also wanted to ride a bicycle, but Rohan did not allow her to ride a bicycle because she was small.

One day both of them were going from school, then on the way to school

came to a bicycle shop

Priya became very happy seeing the one who had a very nice bicycle.

She started thinking that I am also riding a bicycle

But suddenly she became sad then after coming home from school she went to her room

then after a few days

The festival of Raksha Bandhan has come.

Everyone in the family dressed in nice clothes or prepared for Raksha Bandhan

Then Rohan's father secretly shows Priya's new dress to his mother.

Or said that this time we will give this beautiful dress to Priya on behalf of Rohan as a gift for Rakshabandhan, see Rohan's mother, how beautiful this dress is.

Yes Rohan's father, he is very beautiful, recognizing him, our beloved will look like an angel.

Rohan's mother is our beloved, no matter how she dresses, for us she will remain an angel, our doll queen

Priya saw all this secretly, her mind became sad again and thought in her mind that this year the dress again.

After some time, Priya tied Rakhi to Rohan.

Then her father said to Priya, dear son, your gift

Then Rohan said flatly, no father, not you, this time I myself will give the gift to Priya. You wait, Priya became very happy after hearing this, then Rohan took a gift box from the room.

gave to priya

priya opened the box

a doll came out in it or a letter came out

Seeing all this, Rohan's father said that Rohan, you know that Priya has so many saree dolls, yet why did you bring the doll for Priya, son. Then Rohan asked Priya to read Priya's letter.

When Priya read the letter, she wrote

Was that open the door to the spring

After reading this, everyone thought what will happen when the door is opened.

Then Priya opened the door and saw that the cycle which she had liked while going to school was standing in front of the garden. rakshabandhankatohfa

Then Rohan said dear, here is your Raksha bandhan gift, a bicycle of your choice.rakshabandhankatohfa

Priya was very happy to see the cycle, then Priya suddenly said, brother, but how did you know that I like this cycle? Rohan said, when we met at school, you used to see this cycle everyday or you were very sad, I have seen all this. I used to think that you like to ride a bicycle, but because you are small, I do not allow you to ride a bicycle, in this, when I saw your sadness, I thought that I would gift you this bicycle on Rakshabandhan.

Then Rohan's father told Rohan that Rohan, where did you get so much money from? Rohan said that father and mother, you used to give me money to go to school, I saved some money and bought a bicycle for Priya.rakshabandhankatohfa

Priya went to the square or said brother, but you had submitted yours for the birthday party. Rohan said no problem, Priya, will I have a party next year or the happiness you have got from coming of cycle, my party is more than my sister's happiness. Nothing in the world for me.

Tears came in Priya's eyes or she hugged Rohan and Rohan's parents also had tears in their eyes. Happy Raksha Bandhan my dear sister.

Rakshabandhan Ka Tohfa

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Edited By:- 2D darshan


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