Consequences of lying | झूठ बोलने का परिणाम


Consequences of lying

Once there were four friends whose names were Nitin, Sachin, Rohan, Mohan. All four always lived together, went everywhere together and studied in the same class and used to get the same marks, all four of them did not feel like studying at all, they always used to think about roaming around and partying. And used to party a lot.


One day in the class, the teacher said to all the students that children, your exams are starting from tomorrow, so I hope that you all will give the exams very well and get good marks and go to the next class.

But those four friends are shocked to hear that the exam is starting from tomorrow, we have not even studied anything, nor will everything be read a day before. A friend among them said that there is no problem, we go home and party together in the evening, what will happen will be seen.

The faces of all the friends are beaming with happiness and everyone's mind was eager to go to the party. Then in the evening everyone gathers at one place. And let's start the party, there is a lot of good stuff to eat and drink in the party and the four friends party a lot together. One friend remembers that we have an exam from tomorrow, so he reminds everyone that how will we give the exam tomorrow, then the other friend says that there is no problem, the teacher will tell us to give the exam after a day. Due to some compulsion, we will not be able to give the exam today.

all friends agree on this
The next day all four friends go to school and go in front of the teacher and say that Master, can we give the exam after one day.

Master asks why children, what is the matter that you all have to give exam after one day. That's why a friend said that yesterday was Sohan's birthday, so we all went there to wish him a happy birthday. And when we were returning home from there, the tire of our car got punctured. And there was no other tire in the car, so we had to forcefully push the car to the house and it was past midnight while bringing the car, so we could not even sleep and we were very tired, so master please order us Let us give the exam the next day.

Master ji understood his helplessness and gave permission for the exam the next day and said that he must give the exam tomorrow.

The next day when the four children came to school, the master made them sit in different rooms to give the exam so that the children could not copy. And only two questions were given in the question paper.

The first question was what is your name and the second question was which tire of the vehicle was punctured.

Now all the four friends were in a deep dilemma, what to do, that's why everyone gave different answers. And when the exam was over, Masterji showed the answer sheet, the first friend's answer was front first tyre, the second friend's answer was front second tyre, the third friend's answer was rear reverse tyre, the fourth friend's answer was rear straight tyre.

Then after seeing his answer sheet, the doubts of the teacher got converted into confidence. Because of lying to master and not studying, he was punished for not giving the rest of the upcoming exams, due to which all four friends failed in the exams.


Lesson: Take your studies seriously, never lie, respect your teachers.


झूठ बोलने का परिणाम


एक बार चार दोस्त हुआ करते थे जिनके नाम नितिन , सचिन , रोहन , मोहन थे . हमेशा चारो साथ ही रहते एक ही साथ सब जगह जाते और एक ही कक्षा में पढ़ते है और एक ही जैसे अंक लाते थे उन चारो का पढ़ाई में बिलकुल भी मन नहीं लगता था हमेशा वह घुमने फिरने और पार्टी करने के बारे में सोचते रहते थे . और बहुत पार्टी किया करते थे .

एक दिन कक्षा में अध्यापक ने सब विद्यार्थियों से कहा की बच्चो कल से तुम सब की परीक्षा आरम्भ हो रही है तोह मैं आशा करता हु की आप सब परीक्षाओं को बहुत अच्छे ढंग से देंगे और अचे अंक प्राप्त करके अगली कक्षा में जायेंगे .

पर उन चारो दोस्तों का यह सुनकर मुँह उतर जाता है की कल से परीक्षा प्रारम्भ हो रही है हमने तोह कुछ पढ़ाई भी नहीं की है और न ही अब एक दिन पहले सब पड़ा जायेगा . उन में एक दोस्त बोलै कोई परेशानी की बात नहीं है हम लोग घर जाते है और शाम को मिलकर पार्टी करते है जो होगा देखा जायेगा .

सभी दोस्तों का मुँह ख़ुशी के मरे खिल उठता है सब का मन पार्टी में जाने के लिए उत्सुक था . फिर शाम को सब एक जगह इकट्ठे हो जाते है . और पार्टी शुरू कर देते है पार्टी में खाने को पीने को बहुत सारा अच्छा अच्छा सामान होता है और चारो दोस्त मिलकर खूब पार्टी करते है . एक दोस्त को याद आटा है की कल से हमारी परीक्षा है तोह वोह सब को यद् दिलाता है की कल हम परीक्षा कैसे देंगे तब दूसरा दोस्त कहता है की कोई परेशानी की बात नहीं है हम अध्यापक जी कह देंगे की हमें परीक्षा एक दिन बाद देने दे हम किसी मजबूरी के चलते आज परीक्षा नहीं दे पाएंगे .

सभी दोस्त इस पर हामी भर देते है

अगले दिन चारो दोस्त विद्यालय जाते है और अध्यापक जी के सामने जाकर बोलते है की मास्टर जी क्या हम परीक्षा एक दिन बाद दे सकते है .

मास्टर जी पूछते है क्यों बच्चो ऐसी क्या बात है जो तुम सबको एक दिन बाद परीक्षा देनी है . तभी एक दोस्त ने कहा की मास्टर जी कल सोहन का जन्मदिन था तोह हम सब वहाँ गए थे उसको जन्मदिन की शुभकामनाये देने . और जब हम वहाँ से घर को लौट रहे थे तब हमारी गाड़ी का टायर पंक्चर हो गया था और गाड़ी में कोई दूसरा टायर नहीं था तोह हमें मजबूरी में उस गाड़ी को धक्का मार्के घर तक लाना पड़ा और गाड़ी को लाते लाते आधी रात बीत चुकी थी जिससे हम सो भी नहीं पाए और हमें बहुत थकन हो गयी तोह मास्टर जी हमें कृपया करके आज्ञा दीजिये की हम अगले दिन परीक्षा दे सके .

मास्टर जी ने उनकी मजबूरी समझी और अगले दिन परीक्षा के लिए आज्ञा दे दी और कहा की कल परीक्षा अवश्य दे देना .

अगले दिन जब चारो बच्चे विद्यालय आये तोह मास्टर जी ने उन चारो बच्चो को परीक्षा देने के लिए अलग अलग कमरे में बिठा दिया ताकि वह बच्चे नक़ल न कर पाए .और प्रश्न पत्र में केवल दो ही प्रश्न दिए .

पहला प्रश्न की तुम्हारा नाम क्या है और दूसरा प्रश्न की गाड़ी का कोण सा टायर पंक्चर हुआ था .

अब चारो दोस्त गहरी दुविधा में थे करते भी तोह क्या इसलिए सब ने अलग अलग उत्तर दिया . और जब परीक्षा हुयी तो मास्टरजी को उत्तरपुस्तिका दिखाई तो पहले दोस्त का उत्तर था आगे का पहला टायर , दूसरे दोस्त का उत्तर था आगे का दूसरा टायर , तीसरे दोस्त का उत्तर था पीछे का उल्टा टायर , चौथे दोस्त का उत्तर था पीछे का सीधा टायर .

तब उनकी उत्तर पुस्तिका देखकर मास्टर जी का शक यकीन में परिवर्तित हो गया . पहर मास्टर जी से झूठ बोलने और पढ़ाई न करने के कारन उनको आने वाली बाकि परीक्षाओं को न देने का दंड मिला जिसके कारन वह चारो दोस्त परीक्षाओं में फ़ैल हो गए .

शिक्षा :- अपनी पढ़ाई को गंभीरता से ले , कभी झूठ न बोले , अपने शिक्षकों का सम्मान करे


Edited By:- 2D darshan

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